लिपि की परिभाषा
''किसी भी भाषा को लिखने के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग किया जाता हैं, उन्हें लिपि कहते हैं।''
लिपि और भाषा
लिपि के प्रकार
संसार भर में मुख्य रूप से तीन तरीके से लिपियों को विभाजित किया गया है। इस प्रकार लिपि के प्रकार निम्न है:-
१. अल्फाबेटिक लिपियाँ
इस लिपि में लिखने के लिए अलग से स्वर की मात्राओं के लिए अलग से कोई चिनह नहीं होते है इन्हें लिखने के लिए स्वर का पूरा रूप व्यंजन के बाद लिखा जाता हैं. जैसे – अंग्रेजी भाषा लिपि में व्यंजन के बाद स्वर के पूरे रूप को लिखा जाता हैं।
S.No. | लिपि | भाषा |
---|---|---|
1 | लैटिन लिपि (रोमन लिपि) | अंग्रेज़ी, फ्रांसिसी, जर्मन, कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग और पश्चिमी और मध्य यूरोप की सारी भाषाएँ |
2 | यूनानी लिपि | यूनानी भाषा, कुछ गणितीय चिन्ह |
3 | अरबी लिपि | अरबी, उर्दू, फ़ारसी, कश्मीरी |
4 | इब्रानी लिपि | इब्रानी |
5 | सीरिलिक लिपि | रूसी, सवियत संघ की अधिकांश भाषाएँ |
2. अल्फासिलैबिक लिपियाँ
इस लिपि को लिखनें के लिए स्वर व व्यंजक दो तरीके के चिंन्ह का प्रयोग किया जाता है। प्रत्येक इकाई में अगर एक या एक से अधिक व्यंजन हो तो उस पर स्वर की मात्रा की चिन्ह लगाया जाते हैं और यदि इकाई में व्यंजन नहीं होता हैं तो स्वर का पूरा चिन्ह लगा दिया जाता हैं।
S.No. | लिपि | भाषा |
---|---|---|
1 | शारदा लिपि | कश्मीरी भाषा, लद्दाखी भाषा, हिमाचली/पहाड़ी/डोंगरी भाषा, पंजाबी/गुरुमुखी भाषा,तिब्बती भाषा, उत्तर - पश्चिमी भारतीय भाषा की लिपि |
2 | देवनागरी लिपि | हिन्दी भाषा, काठमाण्डू भाषा (नेपाली भाषा), भोजपुरी भाषा, बंगाली भाषा, राजस्थानी भाषा, गुजराती भाषा, उड़िया भाषा (कलिंग भाषा), असमिया भाषा, मारवाड़ी भाषा, सिन्धी भाषा, गढ़वाली भाषा, छत्तीसगढ़ी भाषा, अवधी, मराठी, कोंकणी |
3 | मध्य भारतीय लिपि | तेलुगू भाषा |
4 | द्रविड़ लिपि | तमिल भाषा, मलयालम भाषा, कन्नड़ भाषा, कोलंबो (श्रीलंकाई) भाषा |
3. चित्र लिपियाँ
चित्र लिपि में लोग अपने विचारों एवं भावों को चित्रों के माध्यम से दर्शाते हैं। इसलिए इस लिपि को चित्र लिपि कहते है।
1. प्राचीन मिस्री लिपि - प्राचीन मिस्री
2. चीनी लिपि - चीनी (मंदारिन, कैण्टोनी)
3. कांजी लिपि - जापानी
भारत में प्रयोग किेये जाने वाली कुछ लिपियॉं
१. ब्राह्मी लिपि किसे कहते हैं?
ब्राह्मी भारत की अधिकांश लिपियों की जननी मानी जाती है तथा इसका प्रयोग सम्राट अशोक के लेखों में भी हुआ है। यह लिपि बायें से दायें लिखी जाती थी। 5वीं सदी ईसा पूर्व से 350 ईसा पूर्व तक इसका एक ही रूप मिलता है, लेकिन बाद में इसके दो रूप में विभाजन मिलते हैं- उत्तरी धारा व दक्षिणी धारा।
उत्तरी धारा - गुप्त लिपि, कुटिल लिपि, शारदा और देवनागरी
दक्षिणी धारा - तेलुगु, कन्नड़, तमिल, कलिंग, ग्रंथ, मध्य देशी और पश्चिमी लिपि।
२. खरोष्ठी लिपि किसे कहते हैं?
भारत के पश्चिमोत्तर क्षेत्रों में प्रचलित यह लिपि दायें से बायें लिखी जाती थी। इस लिपि का विदेशी उद्गम लिपि यानी अरामाइक और सीरियाई लिपि से विकसित माना जाता है। कुल 37 वर्णों वाली इस लिपि में स्वरों का अभाव था, यहाँ तक कि मात्राएँ और संयुक्ताक्षर भी नहीं मिलते हैं। सम्राट अशोक के शहबाज़गढ़ी और मानसेहरा (पाकिस्तान) स्थित अभिलेखों में खरोष्ठी लिपि का प्रमाण मिलता है।
३. कुटिल लिपि किसे कहते हैं?
गुप्त लिपि का परिवर्तित रूप मानी जाने वाली इस लिपि को ‘न्यूनकोणीय लिपि’ तथा ‘सिद्ध मातृका’ लिपि भी कहा जाता है। इस लिपि में अक्षरों के सिर ठोस त्रिकोण जैसे हैं, लेकिन कहीं-कहीं ये आड़े-तिरछे, टेढ़े-मेढ़े या कुटिल ढंग से भी हैं। यह लिपि छठी शताब्दी से 9वीं शताब्दी तक प्रचलन में रही।
४. देवनागरी लिपि किसे कहते हैं?
बायें से दायें की ओर लिखी जाने वाली देवनागरी लिपि अत्यंत व्यवस्थित तथा वैज्ञानिक लिपि है। इसमें ध्वनि एवं अक्षरों का उत्कृष्ट समन्वय होता है। भारत के संविधान में देवनागरी लिपि को मान्यता प्रदान की गई है (अनु. (1)।
उत्तर भारत में 8वीं शताब्दी से आज तक अनेक भाषाओं में देवनागरी का प्रयोग होता आया है, यथा- संस्कृत, मराठी, नेपाली, कोंकणी, हिन्दी, भोजपुरी, मैथिली, गढ़वाली आदि।
५.शारदा लिपि किसे कहते हैं?
आठवीं शताब्दी में कश्मीर में ‘सिद्ध मातृका लिपि’ से विकसित इस लिपि के अनेक अभिलेख कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश आदि में मिले हैं।
६. गुरुमुखी लिपि किसे कहते हैं?
सिखों के दूसरे गुरु अंगद द्वारा विकसित इस लिपि में पंजाबी भाषा में ‘गुरु ग्रंथ साहिब’ का संकलन हुआ है।
७. पांडुलिपि किसे कहते हैं?
पाण्डुलिपि कागज, छाल, धातु, ताड़ के पत्ते अथवा किसी अन्य सामग्री पर कम से कम 75 वर्ष पहले हस्त लिखित संयोजन को कहते हैं जिसका वैज्ञानिक, ऐतिहासिक अथवा सौंदर्यपरक महत्त्व हो| लिथोग्राफ और मुद्रित खंड पाण्डुलिपियों में नहीं आते| पाण्डुलिपियां सहस्त्र विभिन्न भाषाओं और लिपियों में पाई जाती हैं| अक्सर एक भाषा विभिन्न लिपियों में लिखी होती है| उदाहरण के लिए संस्कृत उड़िया लिपि, ग्रंथ लिपि, देवनागरी लिपि और कई अन्य लिपियों में लिखी जाती है|
भारत की 22 आधिकारिक भाषाएँ और उनकी लिपि
S.No.
भाषा का नाम
लिपि का नाम
1
हिंदी
देवनागिरी
2
पंजाबी
गुरुमुखी
3
सिंधी
देवनागिरी/फ़ारसी
4
कश्मीरी
फ़ारसी
5
गुजराती
गुजराती
6
मराठी
देवनागिरी
7
उड़िया
उड़िया
8
बांग्ला
बांग्ला
9
असमिया
असमिया
10
उर्दू
फ़ारसी
11
तमिल
ब्राह्मी
12
तेलुगु
ब्राह्मी
13
मलयालम
ब्राह्मी
14
कन्नड़
कन्नड़/ब्राह्मी
15
कोकड़ी
देवनागिरी
16
संस्कृत
देवनागिरी
17
नेपाली
देवनागिरी
18
संथाली
देवनागिरी
19
डोंगरी
देवनागिरी
20
मणिपुरी
मणिपुरी
21
वोडों
देवनागिरी
22
मैथिली
देवनागिरी/मैथिली