एक और द्रोणाचार्य नाटक - शंकर शेष

एक और द्रोणाचार्य (Ek Aur Dronacharya) शंकर शेष का सर्वश्रेष्ठ नाटक है। इसके कथानक में वर्तमान शिक्षक की तुलना उस द्रोणाचार्य से की जाती है, जिसने एक शिक्षक को अन्याय सहन करने की परम्परा दी।

एक और द्रोणाचार्य नाटक की समीक्षा

    एक और द्रोणाचार्य नाटक के प्रमुख पात्र

    वर्तमान कथा :-

    1. अरविन्द  :-  महाविद्याल का प्रोफेसर / आधुनिक द्रोणाचार्य
    2. लीला :- अरविन्द की पत्नी
    3. यदु :- अरविन्द मित्र
    4. प्रिंसिपल :- महाविद्यालय का प्राचार्य
    5. चंदु :- अरविन्द का छात्र
    6. प्रेसिडेंट :- संस्था चालक / कॉलेज का मालक / राजकुमार का पिता |
    7. विमलेंदु :- पुराना शिक्षक जो नाटक में मरा हुआ पात्र है, लेकिन अरविन्द के यादों में जीवित है |
    8. अनुराधा :- चंदु की प्रियसी और अरंविद के कॉलेज की छात्रा |
    9. राजकुमार :- छात्र और प्रेसिडेंट का बेटा

    पौराणिक कथा :- 

    1. द्रोणाचार्य - गुरु
    2. कृपी 
    3. अश्वत्थामा
    4. भीष्म
    5. अर्जुन
    6. एकलव्य
    7. सैनिक
    8. युधिष्ठिर 

     एक और द्रोणाचार्य नाटक के अंक


     एक और द्रोणाचार्य नाटक दो भागों में विभाजित किया गया है।

    1. पूर्वार्ध (चार दृश्य)
    2. उत्तरार्ध (सात दृश्य)


    नाटक का विषय :-

    1. भ्रष्ट्राचारी शिक्षण व्यवस्था गुरु और शिष्य के रिश्तों में टकराव
    2. पौराणिक और आधुनिक कथा का मेल
    3. द्रोणाचार्य के रूप में वर्तमान विसंगति का चित्रण किया गया है। 
    4. शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त अनाचार
    5. अध्यापक के अस्तित्व की वर्तमान युगीन व्यवस्था
    6. पीड़ित शिक्षक की विडंबना


    नाटक का उद्देश्य :-

    इस नाटक का उद्देश्‍य वर्तमान शिक्षा जगत में व्याप्त पक्षपात, भ्रष्टाचार, राजनीतिक घुसपैठ, आर्थिक व सामाजिक दबावों के रहते निम्न मध्यवर्गीय व्यक्ति के असहाय व बेबस चरित्र को उद्घाटित करना। इसका उद्देश्य केवल पौराणिक गाथा को दोहराना नहीं है इसके माध्यम से सूक्ष्मतर मानवीय सत्य को खोजना है। 


    एक और द्रोणाचार्य नाटक की समीक्षा

    अरविन्द एक शिक्षक है, अरविन्द ईमानदार व स्वाभिमानी व्यक्ति है, वह कॉलेज के मैनेजर के पुत्र को छात्र 'अनुराधा' से दुष्कर्म में पकड़ लेते हैं। इस के साथ कॉलेज के अध्यक्ष का पुत्र भी नकल करते हुए पकड़ा जाता है कॉलेज का अध्यक्ष उसे धमकाता है और लालच देता है। इस पर अरविन्द टू जाता है। वह अपनी रिपोर्ट वापस ले लेता है। प्रो. अरविन्द तनाव ग्रस्त औ चिड़चिड़ा हो जाता है।

    इस प्रकार सत्ता के दबाव में आकर उनके आदर्शात्मक सिद्धान्त व सोच धरी की धरी रह जाती है और वे व्यवस्था की कठपुतली बनकर रह जाते हैं। विमलेन्दु ठीक ऐसा ही पात्र है, जिसने शिक्षक के रूप में सत्ता व व्यवस्था के विरोध में अपनी जान गँवाई। वह उसे झकझोरता है और अरविन्द से कहता है कि आओ तुम भी समझौता करो। यदि समाज तुम्हें भौंकने वाला कुत्ता बनाना चाहता है, तो तुम बनो, क्योंकि तुम व्यवस्था के विपरीत नहीं चल सकते। यदि चलोगे तो तुम्हें भी मेरी ही भाँति मार दिया जाएगा। नाटक में बहुत-से ऐसे प्रश्न हैं जिनमें एक शिक्षक स्वयं ही उलझ कर रह जाता है। ठीक वैसे ही जब युद्धभूमि में द्रोण ने युधिष्ठिर से पूछा था कि कौन मारा गया-अश्वत्थामा नाम का हाथी या पुत्र !

    विमलेन्दु के अन्तिम वाक्य से नाटक समाप्त होता है कि 'तू द्रोणाचार्य है।' व्यवस्था और कोड़ों से पिटा हुआ द्रोणाचार्य, इतिहास की धार में लकड़ी के ठूंठ की भाँति बहता हुआ, वर्तमान के कगार से लगा हुआ, सड़ा गला द्रोणाचार्य। व्यवस्था के लाइट हाउस से अपनी दिशा माँगने वाला टूटे जहाज-सा द्रोणाचार्य।

    नाटक 'एक और द्रोणाचार्य' का उद्देश्य केवल पौराणिक गाथा को दोहराना नहीं रहा है, अपितु उसके माध्यम से किसी सूक्ष्म-से-सूक्ष्मतर मानवीय सत्य को खोजना है। मानव के अन्तर्मन के गहन अँधेरे में पैठकर उस बिन्दु को छूकर एक ऐसी हलचल मचा देना है, जिससे व्यक्ति उन पौराणिक घटनाओं को नए सन्दर्भों में देखने, समझने और स्वीकार करने की कोशिश करे। यह दोहरे कथा-प्रसंगों को लेकर चलने वाला आधुनिक चेतना का प्रभावशाली प्रयोगशील नाटक है। इस नाटक में मूलतः दो समस्याओं को उठाया गया है—एक शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त अनाचार और दूसरी वेतन भोगी मध्यम वर्ग में जीवन जीने वाले अध्यापक के अस्तित्व की समस्या है।


    एक और द्रोणाचार्य नाटक के महत्वपूर्ण कथन 

      1. “राजकुमार का विरोध करोगे तो हत्या। चंदू का विरोध करोगे तो सामाजिक हत्या।”, कथन है। - यदु का
      2. “तुम्हारा झूठ बोलना ही धर्म है।"कथन है। - द्रोणाचार्य का, युधिष्ठिर से।
      3. “यदि व्यवस्था तुम्हें अपने इशारे पर भौंकने वाला कुत्ता बनाना चाहती है। तो भौंको, कुत्तों के पिल्ले को जन्म दो। चंदू और युधिष्ठिर मत पैदा करो। राजकुमार और दुर्योधन पैदा करो।"कथन है। - विमलेंदु का
      4. “सार्वजनिक रूप में झूठ बोलना क्या आत्महत्या नहीं होगी।"कथन है। - अरविंद का
      5. “सभी पुरुष नामर्द नहीं हो गए हैं, सर। मुझे अपनाने वाला भी कोई है।"कथन है। - अनुराधा का, अरविंद से 
      6. “तू द्रोणाचार्य है। व्यवस्था और सत्ता के कीड़ों से पिटा हुआ द्रोणाचार्य-इतिहास की धार में लकड़ी के ठूंठ की तरह बहता हुआ, वर्तमान के कगाड़ से लगा हुआ-सड़ा-गला द्रोणाचार्य।”कथन है। - विमलेंदु का, अरविंद से।
      7. “हाँ-हाँ तू, द्रोणाचार्य है। एक और द्रोणाचार्य। एक और द्रोणाचार्य।"कथन है। - विमलेंदु का, अरविंद से।
      8. “परमार्थ की राजनीति के दिन लग गए, मिस्टर अरविंद"कथन है। - प्रेसिडेंट का
      9. “अपराध की सार्वजनिक तौर पर स्वीकृति राजनीति में आत्महत्या कहलाती है।”कथन है। - प्रेसिडेंट का।
      10. “आत्मज्ञान हो गया है मुझे। अपने क्षुद्र होने का आत्मज्ञान। सड़े हुए आटे में बिलबिलाने वाला कीड़ा होने का आत्मज्ञान।''कथन है। - अरविंद का


    एक और द्रोणाचार्य नाटक के बारे में विद्वानों की राय

    डॉ. जयदेव तनेजा के अनुसार -"नाटककार ने अरविन्द, लीला, प्रेसिडेंट, अनुराधा और चंदू के समानान्तर द्रोणाचार्य, कृपी, दुर्योधन, द्रोपदी और अश्वात्थमा के प्रासंगिक और सटीक दृश्य प्रस्तुत करके समकालीन नाटकों में इतिहास प्रयोग का एक नया पहलू प्रकट किया है।"

    डॉ. सुनीता मंजन बैल के अनुसार -"इस नाटक का उद्देश्य केवल पौराणिक गाथा को दोहराना नहीं रहा है किन्तु उसके माध्यम से किसी सूक्ष्म-से-सूक्ष्मतर मानवीय सत्य को खोजना है। मानव के अंतस् में गहन अंधेरे में बैठकर उस बिंदु को छूकर एक ऐसी हलचल मचा देना है जिससे व्यक्ति उन पौराणिक घटनाओं को नये संदर्भों में देखने, समझने और स्वीकार करने की कोशिश करें।"

    गोविंद चातक के अनुसार - “एक और द्रोणाचार्य में मिथक और आधुनिक प्रसंगों का बिम्ब प्रतिबिम्ब भाव मिथक में आधुनिक युग का समावेश पात्रों का मिथक से वर्तमान में प्रवेश आदि का सुंदर प्रयोग हुआ है।"

    एक और द्रोणाचार्य नाटक - शंकर शेष

    Ek Aur Dronacharya Natak MCQ

    प्रश्‍न 01. एक और द्रोणाचार्य नाटक के अनुसार अश्वत्थामा महाभारत के कौन सा दिन मारा गया ?

    1. आठरहावे दिन
    2. बारहवे दिन
    3. ग्यारहवे दिन
    4. पंद्रहवे दिन

    उत्तर : 4. पंद्रहवे दिन


    प्रश्‍न 02. एक और द्रोणाचार्य नाटक में यह कथन किसका है चेहरा केवल जिन्दा रहते बदला जा सकता है एक दो सौ पर मृत्यु हमेसा चेहरा उतार कर रख देती है।

    1. अरबिंद, विमलेन्दु से
    2. विमलेन्दु, अरबिंद से**
    3. द्रोणाचार्य, अर्जुन से
    4. कृपी, द्रोणाचार्य से

    उत्तर : 2. विमलेन्दु, अरबिंद से


    प्रश्‍न 03. एक और द्रोणाचार्य नाटक के अनुसार दुरु द्रोणाचार्य एकलव्य से दक्षिणा में क्या मंगाते है?

    1. दाहिना हाथ का अंगूठा
    2. बाये हाथ का अंगूठा
    3. उसकी धनुष
    4. उसके पैर का अंगूठा

    उत्तर : 1. दाहिना हाथ का अंगूठा


    प्रश्‍न 04. एक और द्रोणाचार्य नाटक में अंको की संख्या कितनी है ?

    1. दो अंक
    2. तीन अंक
    3. चार अंक
    4. पांच अंक

    उत्तर : 1. दो अंक


    प्रश्‍न 05. एक और द्रोणाचार्य नाटक के सम्बन्ध में कौन सा विकल्प गलत है ?

    1. इस नाटक के पात्र अरबिंद की उम्र 60 वर्ष है ।
    2. इस नाटक के पात्र प्रिंसिपल के पुत्र का नाम विमलेन्दु है ।
    3. इस नाटक के पात्र चंदु की उम्र 20 वर्ष है ।
    4. इस नाटक के पात्र अनुराधा की उम्र 20 वर्ष है ।

    उत्तर : 2. इस नाटक के पात्र प्रिंसिपल के पुत्र का नाम विमलेन्दु है।


    प्रश्‍न 06. एक और द्रोणाचार्य नाटक में निम्न में से कौन सा विकल्प सही है।

    1. अरबिंद का प्रिय शिष्य यदु है ।
    2. द्रोणाचार्य का प्रिय शिष्य अर्जुन है ।
    3. लीला के पति का नाम यदु है।
    4. प्रेसिडेंट का लड़का चंदू है।

    उत्तर : 2. द्रोणाचार्य का प्रिय शिष्य अर्जुन है।


    प्रश्‍न 07. एक और द्रोणाचार्य नाटक में कृपी अपने पुत्र अश्वत्थामा को दुघ के स्थान पर क्या पिने के लिए देती है ?

    1. गोरस
    2. आटा का घोल
    3. गन्ने का रस
    4. छाल

    उत्तर : 2. आटा का घोल


    प्रश्‍न 08. चंदू के प्रेमिका का क्या नाम है ।

    1. मीना
    2. लीला
    3. राधा
    4. अनुराधा

    उत्तर : 4. अनुराधा


    प्रश्‍न 09. एक और द्रोणाचार्य नाटक में कौन सा पात्र आत्महत्या कर लेता है ?

    1. लीला
    2. अनुराधा
    3. यदु
    4. विमलेन्दु

    उत्तर : 2. अनुराधा


    प्रश्‍न 10. एक और द्रोणाचार्य नाटक के पात्र अरबिंद की माँ को कौन सी बीमारी रहती है ।

    1. टी. बी.
    2. कैंसर
    3. ब्लड प्रेसर
    4. चेचक

    उत्तर : 2. कैंसर


    प्रश्‍न 11. एक और द्रोणाचार्य नाटक में कौन सा धनुर्धक अपने बाणो से कुत्ता का मुह भर देता है ?

    1. भीष्म
    2. अर्जुन
    3. एकलव्य
    4. युधिष्ठिर

    उत्तर : 3. एकलव्य


    प्रश्‍न 12. एक और द्रोणाचार्य लाटक में भीष्म के अनुसार कौन बढ़ो की सहायता से कुए में गिरी गेंद को बहार निकल देता है ? 

    1. द्रोणाचार्य
    2. अर्जुन
    3. एकलव्य
    4. युधिष्ठिर

    उत्तर : 2. अर्जुन


    प्रश्‍न 13. एक और द्रोणाचार्य नाटक में अनुराधा के साथ रेप कौन करता है ?

    1. चंदु
    2. यदु
    3. राजकुमार
    4. प्रेसिडेंट

    उत्तर : 3. राजकुमार